कलंक बेटी नहीं स्वीकार जनम प्रेम नफरत स्वीकार नहीं है देव् अपना जीवन वादा जीवन धर्म मर्म घर कोशिश परिवर्तन बदलाव

Hindi निराशा स्वीकार नहीं Poems